Random Posts

ह्रदय रेखा के प्रकार व इसके मानव जीवन पर प्रभाव

मस्तिष्क रेखा व जीवन रेखा की तरह ही ह्रदय रेखा का भी हस्त रेखा विज्ञान में अपना महत्त्व है.मनुष्य में प्रेम व कठोर स्वभाव हृदय रेखा से उत्पन्न होता है.जिस व्यक्ति के हाथ में यह रेखा स्पष्ट व लालिमा लिए हुए होती है,अत्यंत शुभ कहलाती है.ऐसी हृदय रेखा वाले जातक जीवन में सफल ,जिम्मेदार स्वभाव के व प्रेम भाव वाले होते हैं .जिन हाथों में हृदय रेखा कटी फटी व अस्पष्ट होती है वे स्वार्थी,पापी,कठोर दिल वाले व कलुषित व्यवहार वाले होते हैं.जिन व्यक्तिओं के हाथों में हृदय रेखा का अवाभ होता है वह कठोर,क्रूर स्वभाव वाले व हत्यारे होते हैं.हृदय रेखा हथेली में उदगम स्थल व अंत के आधार पर मुख्यत: पांच प्रकार की होती है जो कि निम्न है :
(1)पहले प्रकार की हृदय रेखा बुध पर्वत के नीचे से प्रारम्भ होकर गुरू पर्वत पर समाप्त होती है.
ह्रदय रेखा प्रकार 1
उपरोक्त चित्र में दर्शाई गयी ह्रदय रेखा वाले जातक दूसरों की भलाई करने वाले,निष्पक्ष व स्वतंत्र विचारधारा वाले होते हैं.अपने वचनों पर कायम रहने वाले होते हैं.स्त्री इनसे अत्यंत आकर्षित होती है पर यह स्त्रीयों को भाव नहीं देते .इनका हृदय दयालु होता है व इनका जीवन एक प्रकार से आदर्श जीवन कहा जा सकता है.ऐसे जातक अपने प्रयत्नों से यश,मान,पद व प्रतिष्ठा प्राप्त करते हैं.
(2)दुसरे प्रकार की हृदय रेखा बुध पर्वत के नीचे से प्रारंभ होकर हथेली के उस पार पहुँच जाती है.
ह्रदय रेखा प्रकार 2
उपरोक्त चित्र में दर्शाई गयी ह्रदय रेखा वाले जातक महत्वाकांक्षी होते हैं व अपने परिश्रम से अपना जीवन सफल बनाने का प्रयत्न करते हैं.अगर अंतिम स्थान पर रेखा का झुकाव गुरू पर्वत की ओर हो तो इनका प्रयत्न पूर्ण सफल होता है व यदि झुकाव नीचे मस्तिष्क रेखा की ओर है तो इनके प्रयास सफल नहीं होता है.
(3)तीसरे प्रकार की हृदय रेखा बुध पर्वत के नीचे से प्रारंभ होकर सूर्य पर्वत के नीचे खत्म हो जाती है.
ह्रदय रेखा प्रकार 3
उपरोक्त चित्र में दर्शाई गयी ह्रदय रेखा वाले जातक अदूरदर्शी ,कुंठाग्रस्त,चिडचिडे,दयाहीन,दूसरों की निंदा करने वाले व वृद्धावस्था में हृदय रोग से पीड़ित होने वाले होते हैं.इनकी मृत्यु हार्टअटेक से होती है.
(4)चौथे प्रकार की हृदय रेखा बुध पर्वत के नीचे से प्रारंभ होकर शनि पर्वत के नीचे खत्म हो जाती है.
ह्रदय रेखा प्रकार 4
उपरोक्त चित्र में दर्शाई गयी ह्रदय रेखा वाले जातक कई स्त्रीयों से प्रेम करते हैं परन्तु सबको धोखा देते हैं.इनका जीवन छलकपट पूर्ण होता है व इन पर विश्वास नहीं किया जा सकता है.इनका प्रेम सात्विक न होकर वासनापूर्ति का साधन होता है.झूठा प्रचार,दिखावा करते हैं व काम निकालने के बाद गायब हो जाते हैं.ऐसे व्यक्ति निर्दयी व चोर- उचक्के भी हो सकते हैं.
(5)पांचवे प्रकार की हृदय रेखा बुध पर्वत के नीचे से प्रारंभ होकर तर्जनी व मध्यमा के मध्य में खत्म हो जाती है.
ह्रदय रेखा प्रकार 5
उपरोक्त चित्र में दर्शाई गयी ह्रदय रेखा वाले जातक आत्म केन्द्रित होते हैं व अपने में ही खोये रहने वाले होते हैं.यधपि ऐसे जातक अत्यंत परिश्रम करने वाले व लक्ष्य की ओर बढ़ने वाले होते हैं परन्तु इनको सफलता नहीं मिल पाती है व अधेड़ उम्र तक आते आते अकेले व दुनिया से कट से जाते हैं व शक्की प्रवृति के हो जाते हैं.अत: ह्रदय रेखा के उपरोक्त प्रकारों द्वारा मानव का स्वभाव जाना जा सकता है.
आप निम्न वीडिओ में ह्रदय रेखा के प्रकारों को समझ सकते हैं :
कृपया आर्टिकल को शेयर करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग हस्त रेखा विज्ञान के बारे में सीख सकें .

Post a Comment

0 Comments