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मस्तिष्क रेखा के प्रकार व इसके मानव जीवन पर प्रभाव

मस्तिष्क रेखा हथेली में जीवन रेखा के बाद दूसरी मुख्य रेखा है, यह मुख्यत: अंगूठे व गुरू पर्वत के बीच में ही पाई जाती है.
मस्तिष्क रेखा
आइये अब देखते हैं इसके कौनसे प्रकार होते हैं.इसके उदगम स्थल के अनुसार इसके पांच प्रकार होते हैं जो निम्न हैं.
1.पहले प्रकार की मस्तिष्क रेखा जीवन रेखा के उदगम से अवतरित होती है परन्तु जीवन रेखा को काटते हुए हथेली के दुसरे छोर पर पहुँच जाती है.


मस्तिष्क रेखा प्रकार 1
ऐसी मस्तिष्क रेखा वाले प्राणी जरा जरा सी बात पर क्रोधित हो जाते हैं,दूरदर्शी नहीं होते व रोग उनको घेरे रहते हैं व इनके मित्र भी इनको धोखा दे देते हैं.
2.दूसरे प्रकार की मस्तिष्क रेखा जीवन रेखा के पास से अवतरित होती है व हथेली के मध्य में ख़त्म हो जाती है.
मस्तिष्क रेखा प्रकार 2
ऐसी मस्तिष्क रेखा वाले प्राणी जीवन में बड़ा पद प्राप्त करते हैं, दूरदर्शी होते हैं,कुशाग्र बुद्धि वाले होते है व यात्राओं के माध्यम से धन अर्जित करते हैं.
3.तीसरे प्रकार की मस्तिष्क रेखा जीवन रेखा के बराबर चलती हुई बाद में अपना रास्ता बदल लेती है.

मस्तिष्क रेखा प्रकार 3
ऐसी मस्तिष्क रेखा वाला प्राणी प्रबल आत्मविश्वासी होता है. जीवन में आय के एक से अधिक स्त्रोत होते हैं.यधपि कई बार उनके मन में हीन भावना आती है परन्तु अपने पुरुषार्थ के दम पर वह सफल हो जाते हैं.
4. चतुर्थ प्रकार की मस्तिष्क रेखा जीवन रेखा के पास से अवतरित होती है व हथेली के दुसरे छोर पर पहुँच जाती है.

मस्तिष्क रेखा प्रकार 4
ऐसी मस्तिष्क रेखा वाले प्राणी जीवन में अनेक बार विदेश यात्राएं करते हैं, विदेश में व्यापार से धन प्राप्त करते हैं व भौतिक दृष्टी से सुखी होते हैं.
5.पांचवे प्रकार की मस्तिष्क रेखा मस्तिष्क रेखा ह्रदय रेखा के साथ साथ चलती है.
मस्तिष्क रेखा प्रकार 5
ऐसी मस्तिष्क रेखा वाले प्राणी कठोर,निर्दयी व भावनाशून्य होते हैं व जिन हाथों में मस्तिष्क रेखा व ह्रदय रेखा लिपट गयी हो तो वह हत्यारे होते हैं.
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