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क्या आपके हाथ में है पुष्कल योग,जानें हस्त रेखा विज्ञान से

हस्त रेखा विज्ञान का महत्व जीवन में बहुत है.हस्त रेखा विज्ञान के माध्यम से मनुष्य भविष्य के बारे में सचेत होकर सही गलत का निर्णय ले सकता है.हथेली में अनेक प्रकार की रेखाएं पाई जाती हैं जिनमें मुख्य रेखाएं जीवन रेखा,मस्तिष्क रेखा व ह्रदय रेखा होतीं हैं इसके अलावा भी अनेक प्रकार की रेखाएं पायीं जाती हैं.हथेली की प्रत्येक रेखा भविष्य व मनुष्य के चरित्र व व्यवहार के बारे में का कोई न कोई संकेत देती है.
हथेली में निम्न तीन योग पुष्कल योग माने गए हैं:
1.यदि जातक की हथेली में कोई रेखा शुक्र पर्वत से प्रारम्भ होकर शनि पर्वत तक पहुँचती है तब हथेली में प्रथम प्रकार के पुष्कल योग का निर्माण होता है .
2.यदि जातक की हथेली में कोई रेखा चन्द्र पर्वत से प्रारम्भ होकर शनि पर्वत तक पहुँचती है तब हथेली में द्वितीय प्रकार के पुष्कल योग का निर्माण होता है .
3.यदि जातक की हथेली में कोई रेखा बुध पर्वत से प्रारंभ होकर शनि पर्वत तक पहुँचती है तब हथेली में तृतीय प्रकार के पुष्कल योग का निर्माण होता है .
उपरोक्त तीनों प्रकार के योग निम्न चित्र में दिखाए गए हैं:
जिन जातकों के हाथ में उपरोक्त तीनों प्रकारों में से एक पुष्कल योग पाया जाता है वह जातक अत्यंत अच्छे व्यक्तित्व वाले होते हैं व इनके व्यक्तित्व का प्रभाव सामने वाले पर बहुत ज्यादा पड़ता है.यह अच्छे मित्र होते हैं व अपने मित्रों का सुख व दुःख में साथ निभाते हैं.यह व्यक्ति आर्थिक दृष्टि से भी संपन्न होते हैं व ऐसे व्यक्ति जीवन में अपने प्रयत्नों से पूर्ण सफलता प्राप्त करते हैं.
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